इस पोस्ट को स्टार्ट करने से पहले मैं आपसे आपसे एक बात पूछना चाहता हूं ? किसी से बात करने का सही तरीका क्या है?
या यू समझ लो कि आप को बताना चाहता हूं, जब इंसान अपनी तरक्की कर रहा था, नए-नए इनोवेशन कर रहा था, तब हम इंसानों ने देखा कि इस प्रकृति पर बहुत सी चीजें हैं, कुछ चीजें आपस में एक जैसी हैं, तो कुछ डिफरेंट है | तो इनको अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया जैसे प्लांट, एनिमल ,माइक्रो, ऑर्गेनिक माइक्रो, ऑर्गेनाइज्म,
logo se baat karne ka tarika in hindi
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इंसानों को भी एक अलग कैटेगरी में रखा गया | तो इस बात से यह पता चलता है, कि सभी इंसान एक जैसे होते हैं, हाथ ,पैर आंख, कान, नाक, सब कुछ लेकिन, एक चीज जो शायद एक जैसी नहीं है | या मैं यूं कह लूं कि ज्यादातर लोग कभी हो ही नहीं सकते तो, वह है किसी बात को लेकर एक जैसा नजरिया होना या ठीक वैसा ही सोचना जैसा कोई दूसरा सोचता है |
नए लोगों से कैसे बात करें :-
और जब 2 लोगों का नजरिया अलग अलग होता है, तो शुरुआत होती है किसी चीज की जो शायद ही कभी निर्णय की स्थिति पर पहुंचे जिसे हम बहस करना कहते हैं | किसी बात को लेकर बहस करना हमेशा सही नहीं होता, शायद ही कभी होता हो, वह भी तब जब सामने वाला समझने को तैयार हो | लेकिन प्रॉब्लम यह है कि ज्यादातर लोग आपकी बात मानते नहीं है,
तो अब आप क्या करोगे ? क्या आप जबरदस्ती बहस करोगे ? अपनी बात मनवाने की कोशिश करोगे ? जब कि सामने वाला मानने को तैयार नहीं है, इसका जवाब मैं आपको देता हूं, लेकिन एक शर्त है, कि मेरी बात को बिल्कुल ध्यान से समझना | जब किसी बात पर आप से किसी से बहस हो जाए तो एक पल के लिए चुप हो जाना,
और सोचना कि क्या यह बहस खत्म होगी या फिर ऐसे ही चलती रहेगी | जब तक बहस झगड़ा का कारण न बन जाए ,अगर ऐसा है तो दोस्त चुपचाप वहां से निकल जाओ क्योंकि इसमें तुम्हारा नुकसान है, सामने वाला बर्बाद होने के लिए तैयार बैठा है, और उसे आपकी कोई भी बात नहीं समझ जाएगी,
आप खुद को बिना मतलब के stress में डालोगे, 80% से ज्यादा बहस ऐसी होती हैं, जो कभी भी खत्म नहीं हो सकती बहस करके आप अपना नुकसान ही करोगे |
आप गुस्से में हो सकते हो तो शायद उस वक्त आपको एहसास ना हो, लेकिन आपको बाद में realized जरूर होगा | मैं यह भी नहीं कहता कि बहस करना खराब बात है | “लेकिन खराब बातों पर बहस करना खराब बात है” मैं अपनी बात को फिर से रिपीट करना चाहता हूं, मैं यह नहीं कहता की बहस करना खराब बात है लेकिन खराब बातों पर बहस करना बिल्कुल खराब बात है |
आप अपनी टीम के साथ किसी प्रोजेक्ट पर बहस कर सकते हो, स्टूडेंट किसी टॉपिक को लेकर आपस में बहस कर सकते हैं, सेल्समैन किसी मार्केटिंग स्टेटजी को लेकर बहस कर सकते हैं,
लास्ट में मैं आप सभी को सिर्फ इतना कहना चाहता हूं, कि बहस वहां मत करो जहां सिर्फ टाइम वेस्ट हो, वहां करो जहां पर कुछ सीखने को मिले, क्या सही है ? क्या गलत है ? इसका पता चले सिर्फ एक बात याद रखो, बहस करना खराब बात नहीं है लेकिन खराब बात पर बहस करना बहुत खराब बात है |
और मैं यह बहस नहीं करना चाहता कि आपको मेरी यह पोस्ट कैसी लगी, और अच्छी लगी तो कमेंट करके मुझे जरूर बताइएगा और दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना
“धन्यवाद”
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