शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? 7 आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक तर्क

हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा पूजा भगवान शिव की होती है, ऐसे में हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करते हैं लेकिन, एक सवाल सबके मन में आता है की शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? वैसे तो सावन के महीने में शंकर भगवान की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है |

शिवलिंग की पूजा में भक्त गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, कपूर, धान, चावल, दूध, चंदन और भस्म जैसी चीजें चढ़ाते हैं | लेकिन इन सब में दूध का महत्व विशेष रूप से हमेशा चर्चा के विषय में रहता है तो हम इस पोस्ट में बात करेंगे कि आखिर शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? दूध चढ़ाने का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक तर्क को समझने का प्रयास करेंगे | 

 ” शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? 7 आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक तर्क “

 

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है

 

 

भगवान शिव के भक्तों की आस्था के हिसाब से, अगर हम शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के महत्व के बारे में बात करें तो ऐसा माना जाता है कि, शिवलिंग पर दूध से जब कोई व्यक्ति रुद्राभिषेक करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं,

वहीं कुछ लोगों का मानना यह भी है कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से संतान प्राप्ति होती है | एवं समस्त बाधाएं दूर होती हैं और कभी-कभी शिवलिंग पर दही भी चढ़ाया जाता है, उसके साथ घी की भी थोड़ी सी मात्रा मिला ली जाती है भक्तों का मानना है कि भगवान शिव को दही और घी से विशेष रूप से प्रसन्न किया जा सकता है | और जब भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तो भक्तों को शक्ति प्रदान करते हैं एवं उनके दुखों का नाश करते हैं |

 

सनातन काल से चली आ रही मान्यता :-

 

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है

 

ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान शिव का शरीर विष पीने की वजह से, बहुत तेजी से जलने लगता है तो वहां पर उपस्थित जितने भी देवता, ऋषि, मुनि उपस्थित होते हैं | उनके शरीर के जलन को कम करने के लिए उनके ऊपर जल का प्रवाह यानी कि जल चढ़ाना शुरू करते हैं |

बहुत ज्यादा जल चढ़ाने के बावजूद भगवान शिव के शरीर का जलन कम नहीं हुआ, तो सभी देवताओं ने गौ माता को इसका समाधान के लिए बोला , उसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर के भगवान शिव से आग्रह किया कि, वह दूध का सेवन करें भगवान शिव जब दूध का सेवन करने लगे, तो उनका शरीर से विश का असर धीमे-धीमे खत्म हो गया ,और भगवान शिव का शरीर सही सलामत बच गया | 

 

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ?  वैज्ञानिक कारण ?

 

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है

 

अब हम बात करेंगे की शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाने का वैज्ञानिक कारण, लेकिन उससे पहले सभी शिव भक्तों को यह बात भली प्रकार से पता है, कि शंकर भगवान मनुष्यों के साथ-साथ दैत्य, दानव, प्रेत व पशुओं के भी भगवान हैं | भगवान शिव की पूजा हर योनि का प्राणी करता है |

इसलिए वैज्ञानिक कारण यह बनता है कि भगवान शिव के मंदिर में जहां पर सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा दोनों का आगमन होता रहता है, इसलिए जब हम शिवलिंग पर दूध डालते हैं और पानी डालते हैं तो इससे उस शिवलिंग से निकलने वाली ऊर्जा का अस्तर हमेशा बढ़ता रहता है |

और शिव भक्त इस बात को भली प्रकार महसूस करते हैं ,जब भी वह मंदिर के प्रांगण में जाते हैं, तब उन्हें एक विशेष रूप से ऊर्जा का एहसास होता है, जिससे वह खुशी से फूले नहीं समाते और हर हर महादेव के नारे लगाते हैं |

 

अब हम बात करेंगे कुछ ऐसे प्रश्नों का जो शिव भक्तों के मन में प्रायः उठता रहता है जिसमें से पहला प्रश्न है :-

Question 1 :-

शिवलिंग पर भैंस का दूध चढ़ाया जाता है या फिर गाय का ?

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है
शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है

 

वैसे देखा जाए तो भगवान शिव के अभिषेक के लिए पुराने काल से ही ” गाय के दूध ” का इस्तेमाल होता रहा है भगवान शिव की पूजा में भैंस के दूध का महत्व कहीं पर भी सुनने को नहीं मिलता है | 

 

Question 2 :- 

शिवलिंग पर जल कब चढ़ाना चाहिए ?

वैसे देखा जाए तो भगवान शिव की पूजा में समय का कोई भी बंधन नहीं है | भक्त अपनी इच्छा अनुसार कभी भी भगवान शिव की आराधना में लग जाते हैं, लेकिन अगर हम एक सही रूप से विधि-विधान की बात करें तो भगवान शिव को ब्रह्म मुहूर्त यानी कि सुबह 4:00 से 11:00 बजे दोपहर तक अगर आप जल अर्पण करते हैं, तो आपके लिए विशेष करके लाभदायक सिद्ध होता है | 

 

Question 3 :-

क्या शिवलिंग पर चढ़ाया हुए जल का ग्रहण किया जा सकता है ?

वैसे देखा जाए तो भगवान शिव को स्पर्श की हुई हर चीज पवित्र होती है, तो अगर आप शिवलिंग पर चढ़ाएं हुए जल का प्रसाद के रूप में कुछ मात्रा ग्रहण कर लेते हैं, तो इससे आपका किसी प्रकार से नुकसान नहीं होता | अक्सर आपने देखा होगा कि लोग शिवलिंग से बहते हुए जल को लेकर अपने ऊपर छिड़क ते हैं,  या फिर अक्सर मंदिर में उपस्थित पुजारी शिवलिंग के जल को लेकर के भक्तों के ऊपर छिड़क ते हैं | 

 

Question 4 :- 

क्या सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ सकते हैं कहीं शिवजी नाराज तो नहीं हो जाते ?

वैसे देखा जाए तो भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि आपको सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए या फिर आप किसी से ले सकते हैं, अगर आप भगवान शिव की उस दिन पूजा करने वाले हैं तो उस दिन आप बेलपत्र नहीं तोड़े तो उचित होता है | 

 

Question 5 :-

भोलेनाथ कौन से मंत्र से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं ?

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है
शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है

भगवान शिव को प्रसन्न करने के अनेकों मंत्र हैं लेकिन सभी मंत्रों में सबसे विशेष मंत्र मृत्युंजय मंत्र को माना जाता है जोकि है :- 

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

Question 6 :- 

भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाया जाता है या फिर पका हुआ ?

भगवान शिव को कई प्रकार के चढ़ावा चढ़ाया जाता है लेकिन, उसमें विशेषकर  के दूध का महत्व सुनने को मिलता है ऐसे में आपको कभी भी शिवलिंग पर गर्म किया हुआ दूध नहीं चढ़ाना चाहिए हमेशा शिवलिंग पर कच्चा दूध  चढ़ाया जाता है | 

 

Question 7 :- 

शिवलिंग पर कितने प्रकार के फल चढ़ाया जाता है ?

शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है
शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है

 

पुराने समय से भगवान शिव के अनेक प्रकार के भक्त हुए सबने अलग-अलग व विशेष प्रकार से भगवान शिव की आराधना व पूजा की, अगर हम भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए शिवलिंग पर फल चढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं|  तो मुख्य रूप से आप शिवलिंग पर बेर, आम ,केला, निभावली ,बद्री, बेर, और धतूरे का फल चढ़ा सकते हैं जिसमें बेर धतूरा मुख्य फल में माने जाते हैं | 

 

 

 

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