स्मार्ट वर्क Vs हार्ड वर्क ; सिर्फ 1% लोगो को पता है, Top difference between hard work and smart work

किसी इंसान को हार्ड वर्क करना चाहिए या फिर स्मार्ट वर्क करना चाहिए ? यह एक ऐसा सवाल है जो सदियों पूर्व से लोगों के मन में हमेशा उठता रहता है और अक्सर यह हमारे सामने आता रहता है कि किसी इंसान को हार्ड वर्क करना चाहिए या फिर स्मार्ट वर्क?  देखिए ऐसा है कि कुछ व्यक्ति निरंतर प्रयास और समर्पण को बढ़ावा देते हैं, उनका ऐसा मानना होता है कि सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत और लगन से आती है |  

Table of Contents

 

स्मार्ट वर्क
difference between hard work and smart work

 

दूसरी ओर स्मार्ट वर्क को पसंद करने वाले लोग बोलते हैं कि कम प्रयास के साथ अगर आप अपने लक्ष्य को पूरा कर लेते हैं, तो यह आपके लिए अच्छा होता है ,यद्यपि दोनों लोगों के अपने सोचने का तरीका अलग अलग है किंतु आज हम इस पोस्ट में इस बात पर बात करेंगे कि हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क के बीच का अंतर क्या है ?

और हम उन स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क किससे होने वाले फायदे और नुकसान के ऊपर भी चर्चा करेंगे और हम देखेंगे कि आज के समय के हिसाब से स्मार्ट वर्क सही है या फिर हार्ड वर्क. 

हार्ड वर्क कर-कर के अगर आप अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हैं, अपने लक्ष्य को एक निश्चित समय और अपने निरर्थक प्रयास से प्राप्त करते हैं परंतु, हमारे समाज में बहुत पुराने समय से ऐसा मान्यता चली आ रही है कि कड़ी मेहनत करने वाले इंसान को भी आमतौर पर कभी कभी सफलता जल्दी नहीं मिलती

” एक कहावत है कोई दर्द नहीं कोई लाभ नहीं ” कुछ लोग इसी कहावत का पालन करते हुए अपने जिंदगी में हार्ड वर्क करते रहते हैं, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुशासन दृढ़ संकल्प समर्पण होकर तन मन हर प्रकार से समर्पित होते हैं | 

 

1: हार्ड वर्क करने के फायदे क्या है ?

हार्ड वर्क करने से लोगों को एक मजबूत कार्य नीति का पता चलता है और इसमें उनका समर्पण लचीलापन मदद करता है हार्ड वर्क करने वाले इंसान के चरित्र में लचीलापन होता है यह इंसान के अंदर उपलब्धि की भावना को बढ़ावा देता है जिससे हार्ड वर्क करने वाले इंसान का मनोबल बढ़ता है | 

 

1: लगातार प्रगति

हार्ड वर्क करने से लोगों को एक मजबूत कार्य नीति का पता चलता है और इसमें उनका समर्पण लचीलापन मदद करता है हार्ड वर्क करने वाले इंसान के चरित्र में लचीलापन होता है यह इंसान के अंदर उपलब्धि की भावना को बढ़ावा देता है जिससे हार्ड वर्क करने वाले इंसान का मनोबल बढ़ता है | 

 

2: महारत और अनुभव

हार्ड वर्क करते करते इंसान के अंदर बहुत ही ज्यादा अनुभव आ जाता है, और जब किसी इंसान के अंदर बहुत ज्यादा अनुभव आ जाता है तब वह व्यक्ति अपने चुने हुए किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल करता जाता है, और एक समय बीतने के बाद वह अपने कार्य क्षेत्र का एक्सपर्ट बन जाता है | 

 

2 हार्ड वर्क के नुकसान क्या है ?

 

1: थकान और तनाव

जो इंसान हार्ड वर्क करना पसंद करता है, अगर वह अपने काम के बीच में पर्याप्त ब्रेक नहीं लेता है तो ज्यादा हार्ड वर्क के कारण उसको थकान व तनाव हो सकता है जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो सकते हैं |

 

2: असफलता का प्रभाव

कभी-कभी इंसान बहुत हार्ड वर्क करता है, लेकिन फिर भी उसे सफलता नहीं मिलती ऐसे में हार्ड वर्क करने वाले इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, इसलिए हार्ड वर्क करने से पहले किसी काम का स्पष्ट रणनीति होना आवश्यक है | 

 

3: दूरदर्शिता

सिर्फ हार्ड वर्क पर ध्यान नहीं देना चाहिए, ऐसे में व्यक्ति सिर्फ गधे की तरह हार्ड वर्क करता जाएगा और उसे किसी भी प्रकार की सफलता नहीं मिलेगी ऐसे में इंसान को दूरदर्शिता होना चाहिए, उसे इस बात का भली प्रकार से पता होना चाहिए कि वह जो हार्ड वर्क कर रहा है ,उसका उसे फल क्या मिलने वाला है |  वरना आपका हार्ड वर्क किसी काम का साबित नहीं होगा | 

 

3: स्मार्ट वर्क कैसे करते हैं ? / को समझना  

 

जब आप किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार का शॉर्टकट या फिर कोई इस्मार्ट तरीका अपनाते हैं, जिससे आप बिना बहुत ज्यादा मेहनत के हासिल कर लेते हैं, तो उसे स्मार्ट वर्क माना जाता है |  परंतु ध्यान रहे कि स्मार्ट वर्क में आपको रणनीति, बुद्धिमानी व दृष्टिकोण में कुशलता हासिल करनी होगी  अगर आप के अंदर कुशलता नहीं है तो आप ही स्मार्ट वर्क करके भी किसी प्रकार का रिजल्ट हासिल नहीं कर पाएंगे , स्मार्ट वर्क करने में आपक पास अनुभव बहुत थोड़ा सा आएगा | 

 

4: स्मार्ट वर्क के फायदे क्या है ?

 

1: टाइम मैनेजमेंट 

स्मार्ट वर्क किसी भी व्यक्ति को सबसे महत्वपूर्ण काम की पहचान और उसे प्राथमिकता देना वह कम समय मैं अधिक उत्पादन करना स्मार्ट वर्क का प्रमुख फायदा है | 

 

2: संसाधन प्रबंधन 

स्मार्ट वर्क करने के लिए इंसान प्रायः विभिन्न प्रकार के संसाधनों का लाभ उठाते हैं, जिससे कम समय में अत्यधिक उत्पादन हो जाता है और बचे हुए समय में वह अन्य काम को स्मार्ट तरीके से करते रहते हैं | 

 

3: स्मार्ट वर्क में लचीलापन 

स्मार्ट वर्क   करने वाला इंसान बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपने कार्य करने की रणनीति को आसानी से बदलता रहता है, जिससे उसे आने वाली कठिनाइयों का सामना करने में आसानी होती है | 

 

5: स्मार्ट वर्क  के नुकसान क्या है ?

 

1: धैर्य की कमी  

आमतौर पर देखा गया है कि जो इंसान स्मार्ट वर्क  करना पसंद करते हैं, वह अपने धैर्य पर नियंत्रण नहीं रख पाते क्योंकि स्मार्ट वर्क करने वाला व्यक्ति चुनौतियों से बचना चाहते हैं, वह हमेशा शॉर्टकट की तलाश में रहते हैं इसलिए ऐसे व्यक्ति में धैर्य की कमी अक्सर देखी जाती है  | 

 

2: कार्यकुशलता की आवश्यकता 

स्मार्ट वर्क करने में अक्सर बहुत ही ज्यादा शार्प माइंड व बहुत ज्यादा दक्षता हासिल नहीं की जा सकती है, क्योंकि स्मार्ट वर्क  करते हुए इंसान के अंदर अनुभव की कमी रहती है | 

 

3: काम में कटौती का जोखिम 

स्मार्ट वर्क को पसंद करने वाला इंसान हमेशा व्यक्तियों के अंदर गुणवत्ता की तलाश करता रहता है, ऐसे में अगर आप अपने आप को समय के हिसाब से बदलते नहीं हैं तो स्मार्ट वर्क  आते हुए भी आप अपने कार्यक्षेत्र से निष्कासित किए जा सकते हैं, अगर आप से बेहतर स्मार्ट वर्क करने वाला आ जाता है तो ऐसा संभव है | 

-: तुलनात्मक अध्ययन :- 

 

difference between hard work and smart work
difference between hard work and smart work

 

हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क  को एक दूसरे के विरोधी के रूप में देखने से अच्छा है कि उन्हें पूरक दृष्टिकोण के रूप में देखना चाहिए HARD WORK  और स्मार्ट वर्क दोनों फायदेमंद है, दोनों के बीच सही संतुलन खोजने से आपके काम करने की उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है | साथ ही साथ अपने जीवन में अनेक सफलताएं हासिल कर सकते हैं अब हम बात करेंगे कि आप हार्ड वर्क  वर्सेस स्मार्ट वर्क में संतुलन कैसे बना करके ज्यादा से ज्यादा सफलता सफलता प्राप्त कर सकते हैं ? 

 

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1: एक लक्ष्य निर्धारित करें / कैसे करें ?  

अपने उद्देश्य को सही प्रकार से समझ लें और उसे पूरा करने की सही प्रकार से रणनीति बना ले, और इस बात पर विशेष ध्यान दें कि किस काम को ज्यादा महत्व देना है और उसे तत्काल पूरा किया जाना आवश्यक है | 

 

2: 80/20 रूल्स को अपनाएं  

यह एक परेटो सिद्धांत है जो बताता है कि हमारे दैनिक जीवन में 80 परसेंट परिणाम सिर्फ 20 परसेंट प्रयास से आ जाते हैं | जब आप महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान कर लेते हैं ,और उन पर कड़ी मेहनत केंद्रित करते हैं तब आपको सिर्फ 20 परसेंट हार्ड वर्क करने की जरूरत है | 

 

3: अपने स्किल में लगातार सुधार करें 

स्मार्ट वर्क करने के लिए आपके अंदर इस्मार्ट निर्णय लेने का साहस भी होना चाहिए, अगर आप अपनी स्किल्स में सुधार नहीं करेंगे तो ऐसा संभव नहीं होगा इसलिए अपने स्किल्स को हमेशा सीखने और सुधारने में समय जरूर दें इससे आप स्मार्ट वर्क करने के और भी तरीकों के बारे में सीख पाएंगे | 

 

4: प्रौद्योगिकी का बुद्धिमानी से उपयोग 

अपने किसी भी कार्य को सही प्रकार से सुव्यवस्थित करने और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आपको विभिन्न प्रकार के प्रौद्योगिकी और उपकरणों का लाभ अवश्य उठाना चाहिए लेकिन ध्यान रहे आपको ऐसे उपकरणों के ऊपर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं होना चाहिए | 

 

5: काम के बीच में ब्रेक लेते रहें  

आमतौर पर लोग अपने माइंड को रिलैक्स करने के लिए काम के बीच में ब्रेक लेते रहते हैं, ऐसा करने से आपको किसी काम में फोकस करने में मदद मिलती है और आप अत्यधिक तनाव से बच सकते हैं इसलिए काम के बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए | 

 

6: लोगों से फीडबैक और सहयोग लेते रहें  

किसी कार्य को करते हुए या फिर पूरा हो जाने पर लोगों से फीडबैक जरूर लें, और अगर उसे कार्य में किसी प्रकार से सुधार करने की आवश्यकता है तो इसमें अगर किसी का सहयोग लेना पड़े तो बिना किसी संकोच की दूसरों से सहायता अवश्य लेनी चाहिए | 

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 ” निष्कर्ष ” 

 

देखिए वैसे तो इसस्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क  के बीच में बहस करने से कोई विजेता नहीं होगा, कार्य करने की इन दोनों पद्धतियों की अपनी ताकत और कमजोरियां है कभी-कभी इंसान को हार्ड वर्क करना चाहिए और कभी-कभी स्मार्ट वर्क  करना चाहिए, अगर आप दोनों प्रकार के वर्क करना अच्छी प्रकार से जानते हैं वह उन्हें प्रभावी ढंग से अपने जीवन में उपयोग करते हैं | 

 

अपने व्यक्तित्व को महान और विशेष बनाने के लिए कड़ी मेहनत को अपनाना चाहिए, लेकिन किसी काम को संसाधन और प्रबंधन से अगर किया जा सकता है तो उसे स्मार्ट वर्क  से करना चाहिए, अगर आप दोनों के बीच में संतुलन बना लेते हैं तो आपका व्यक्तिगत और व्यवहारिक दोनों प्रकार से ग्रोथ बहुत तेजी से होगी | 

 

मगर याद रखें स्मार्ट वर्क Vs हार्ड वर्क के बारे में तालमेल किस प्रकार से बात बैठाना है, इसके बारे में आपको खुद सोचना पड़ेगा और एक बात हमेशा याद रहे अगर आप कड़ी मेहनत करना जानते हैं, तो आप इसस्मार्ट वर्क आसानी से कर लेंगे परंतु अगर आपको सिर्फ स्मार्टवर्क आता है ,तो आप कड़ी मेहनत शायद नहीं कर पाएंगे | इसलिए जीवन में हर बार शॉर्टकट ढूंढने से अच्छा है थोड़ा बहुत हार्ड वर्क कर लेना चाहिए | 

 

तो दोस्तों यह थी हमारी पोस्ट हार्ड वर्क वर्सेस स्मार्ट वर्क  मुझे विश्वास है, कि आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी होगी अगर अच्छी लगी तो दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें वह हमें हमारे सोशल मीडिया पर जरूर फॉलो करें | 

-: धन्यवाद  :- 

 

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Motivational Aditya
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